By Aman
स्वस्तिक पूरी विश्व में प्रसिद्ध हुआ जब हिटलर ने इसे अपने झंडे पर nazi की निशानी के रूप में रखा |
इसके साथ ही स्वस्तिक को आर्य सभ्यता से जोड़ा जाने लगा और तब खोज शुरू हुई की स्वस्तिक की उपत्ति आखिर कहा हुई |
कुछ वर्ष पहले सबसे प्राचीनतम स्वस्तिक के साबुत यूरोप में विंका सभ्यता में मिले पर हाल ही में दक्षिण भारत की गुफाओ में विंका से भी पुराने साबुत मिले है जो साबित करती है की स्वस्तिक की उपत्ति भारत में हुई |
स्वस्तिक पर लेख ज्यादातर भारत मे ही मिले है ,बोद्ध धर्म के चीन और जापान में फैलने के बाद वहा भी स्वस्तिक के बारे में लिखा गया पर विदेशो में स्वस्तिक ज्यादातर केवल एक आकार भर था जिसे वे सजावट आदि के लिए इस्तेमाल करते |
स्वस्तिक को अपने देश का और इसे आर्य प्रतिक घोषित करने के लिए कई कहानियाँ बने जा रही है जैसे
यूनान या ग्रीस के लोग इन्टरनेट पर यह गलत्फैमी फैला रहे है की स्वस्तिक ज़ीउस (zeus) का प्रतिक है जबकि प्राचीन यूनान में स्वस्तिक पर कोई ऐसा लेख नहीं |
कुछ लोग कह रहे है की स्वस्तिक की उपत्ति बल्गेरिया में हुई थी
कुछ से द्रविड़ो का प्रतिक बता रहे है |
स्वस्तिक केवल आर्य प्रतिक है और आप इसके कई प्रकार अर्यो के सभ्यताओ में देख सकते है |
स्वस्तिक एक सुन्दर प्रतिक है जो नाही आर्य या किसी जाती का प्रतिक है बल्कि यह तो पुनर्जन्म और ब्रह्माण्ड के जन्म और विनाश के चक्र को दर्शाता है साथ ही यह शुभ शुरुआत का भी प्रतिक है |
निचे कुछ आर्य सभ्यताए और अर्यो के विविध धर्मो में आप स्वस्तिक पाएंगे |
स्वस्तिक के अर्थ अलग अलग सभ्यता अनुसार
Celt
प्राचीन यूरोप में Celt नामक एक सभ्यता थी जो जर्मनी से इंग्लैंड तक फैली थी |उप्पर का चित्र असल में celt लोगो का स्वस्तिक है जोकि सूर्य देव का प्रतिक था |यह यूरोप के चारो मौसमो को भी दर्शाता था ,बाद में यह चक्र या स्वस्तिक ईसायत ने अपनाया और इसके बिच में येसु को लगा दिया जिससे लगता की येसु को सूली पर धिकने की प्रथा ऐसे ही शुरू हुई या सूली यही से ही ली गयी थी |
ईसायत
अब्रहमी धर्म वो धर्म होते है जिनमे अह्ब्रहम पैगम्बर के एक इश्वर को पूजा जाता है ,इसमें ईसायत,इस्लाम आदि धर्म आते है ,इनमे पुनर्जन्म को नहीं माना जाता पर ईसायत और कुछ अन्य अब्राह्मी धर्म पुनर्जन्म को मान्यता देते है |
अगर सबसे प्राचीन बाइबिल पड़े तो यह सामने आता है की येसु तिन दिन बाद जिन्दा होकर वापस नहीं आता और उसे सूली के साथ बताने की प्रथा बाद में आई |
मेरा मानना है की स्वस्तिक पुनर्जन्म दर्शाता है और इसीलिए येसु को स्वस्तिक या सूली के साथ दिखाया जाता है जिसका अर्थ है की येसु वापस लौटेंगे |
मिस्र और अमेरिका
मिस्र और अमेरिका में स्वस्तिक का काफी प्रभुत्व रहा ,इन दोनों जगह के लोगो ने पिरामिड क्यों बनाये ये कोई नहीं जनता पर यह बात पता है की मिस्र और अमेरिका के लोग पिरामिड को पुनर्जन्म से जोड़कर देखा करते थे |
प्राचीन मिस्र में ओसिरिस को पुनर्जन्म का देवता माना जाता था और हमेशा उसे चार हाथ वाले तारे के रूप में बताते साथ ही पिरामिड को सूली लिखकर दर्शाते |
यह video देख आप समझ जायेंगे की पिरामिड असल में स्वस्तिक ही है
विडियो में आप पाएंगे की अगर आप स्वस्तिक के चारो हाथ जोड़ दे तो यह पिरामिड बनायेंग ,काफी चतुराई से मिस्र और अमेरिका के लोगो ने इसका उपयोग किया है |
आप ही सोचिये अगर पिरामिड स्वस्तिक नहीं होता तो मिस्र के लोग पिरामिड के लिए सूली या क्रॉस क्यों उपयोग करते ?
हिन्दू धर्म
यह Celt सभ्यता की तरह ही सूर्य और चार मौसम दर्शाता है |
अगर गौर करे तो यह इस ब्रह्माण्ड के फैलाव को भी दर्शाता है साथ ही ब्रह्माण्ड के जन्म को जो की शुभ है |
स्वस्तिक युगों का चक्कर भी समझाता है |
चलिए मानले की जहा सत्य युग है वाही से शुरुआत है तो उस जगह को no. 1 दे और यदि स्वस्तिक को घुमाये तो no. 1 की जगह पर त्रेता युग आयेंगा ,इसिकादर आखिर में कलयुग और फिर विनाश ,तब फिर से ब्रह्माण्ड की उपत्ति होगी और फिर सत्य युग आयेंगा |
स्वस्तिक पूरी विश्व में प्रसिद्ध हुआ जब हिटलर ने इसे अपने झंडे पर nazi की निशानी के रूप में रखा |
इसके साथ ही स्वस्तिक को आर्य सभ्यता से जोड़ा जाने लगा और तब खोज शुरू हुई की स्वस्तिक की उपत्ति आखिर कहा हुई |
कुछ वर्ष पहले सबसे प्राचीनतम स्वस्तिक के साबुत यूरोप में विंका सभ्यता में मिले पर हाल ही में दक्षिण भारत की गुफाओ में विंका से भी पुराने साबुत मिले है जो साबित करती है की स्वस्तिक की उपत्ति भारत में हुई |
स्वस्तिक पर लेख ज्यादातर भारत मे ही मिले है ,बोद्ध धर्म के चीन और जापान में फैलने के बाद वहा भी स्वस्तिक के बारे में लिखा गया पर विदेशो में स्वस्तिक ज्यादातर केवल एक आकार भर था जिसे वे सजावट आदि के लिए इस्तेमाल करते |
स्वस्तिक को अपने देश का और इसे आर्य प्रतिक घोषित करने के लिए कई कहानियाँ बने जा रही है जैसे
यूनान या ग्रीस के लोग इन्टरनेट पर यह गलत्फैमी फैला रहे है की स्वस्तिक ज़ीउस (zeus) का प्रतिक है जबकि प्राचीन यूनान में स्वस्तिक पर कोई ऐसा लेख नहीं |
कुछ लोग कह रहे है की स्वस्तिक की उपत्ति बल्गेरिया में हुई थी
कुछ से द्रविड़ो का प्रतिक बता रहे है |
स्वस्तिक केवल आर्य प्रतिक है और आप इसके कई प्रकार अर्यो के सभ्यताओ में देख सकते है |
स्वस्तिक एक सुन्दर प्रतिक है जो नाही आर्य या किसी जाती का प्रतिक है बल्कि यह तो पुनर्जन्म और ब्रह्माण्ड के जन्म और विनाश के चक्र को दर्शाता है साथ ही यह शुभ शुरुआत का भी प्रतिक है |
निचे कुछ आर्य सभ्यताए और अर्यो के विविध धर्मो में आप स्वस्तिक पाएंगे |
स्वस्तिक के अर्थ अलग अलग सभ्यता अनुसार
Celt
प्राचीन यूरोप के celt लोगो का सूर्य चक्र या स्वस्तिक |
ईसायत
येसु सूली यानि एक प्रकार के स्वस्तिक पर |
अगर सबसे प्राचीन बाइबिल पड़े तो यह सामने आता है की येसु तिन दिन बाद जिन्दा होकर वापस नहीं आता और उसे सूली के साथ बताने की प्रथा बाद में आई |
मेरा मानना है की स्वस्तिक पुनर्जन्म दर्शाता है और इसीलिए येसु को स्वस्तिक या सूली के साथ दिखाया जाता है जिसका अर्थ है की येसु वापस लौटेंगे |
मिस्र और अमेरिका
मिस्र के पिरामिड |
अमेरिका के पिरामिड |
प्राचीन मिस्र में ओसिरिस को पुनर्जन्म का देवता माना जाता था और हमेशा उसे चार हाथ वाले तारे के रूप में बताते साथ ही पिरामिड को सूली लिखकर दर्शाते |
यह video देख आप समझ जायेंगे की पिरामिड असल में स्वस्तिक ही है
आप ही सोचिये अगर पिरामिड स्वस्तिक नहीं होता तो मिस्र के लोग पिरामिड के लिए सूली या क्रॉस क्यों उपयोग करते ?
हिन्दू धर्म
मध्य से हर तरफ फैलती ब्रह्माण्ड की उर्जा |
हिंदुत्व ,जैन और बोद्ध धर्म ये तीनो ही धार्मिक धर्मो में गिने जाते है और तीनो में स्वस्तिक महत्वपूर्ण है |
स्वस्तिक एक साथ कई बातें दर्शाता है हिंदुत्व में |यह Celt सभ्यता की तरह ही सूर्य और चार मौसम दर्शाता है |
अगर गौर करे तो यह इस ब्रह्माण्ड के फैलाव को भी दर्शाता है साथ ही ब्रह्माण्ड के जन्म को जो की शुभ है |
युगों का चक्कर दर्शाता स्वस्तिक |
चलिए मानले की जहा सत्य युग है वाही से शुरुआत है तो उस जगह को no. 1 दे और यदि स्वस्तिक को घुमाये तो no. 1 की जगह पर त्रेता युग आयेंगा ,इसिकादर आखिर में कलयुग और फिर विनाश ,तब फिर से ब्रह्माण्ड की उपत्ति होगी और फिर सत्य युग आयेंगा |
wakai aap ka ye research apne me bahut gambhir hai....jo ki hakikat se rubaru karwa raha hai....aur khas kar aap ka video jo ki piramid banne ka rahasya par prakash deta hai....great research..
ReplyDeletesach me aap is prachin hindu sanskriti ki resarch kar rahe hai...wakhi yah
ReplyDeletesatya hai......mai ise facebok me sear karunga..
niche is blog ka Fb page ka like box hai
Deleteuse like kijiye
bahot hi kubsurat tarike se apane bataya hai...nice realy nice.
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