पश्चिमी देशो में उनके ग्रंथो में वर्णित कई प्राचीन नगर या इमारतो की खोज की जा रही है ।बेबीलोन के झूलते बगीचे आज तक नहीं मिले पर अब भी उसकी खोज जारी है ,मिस्र में अलेक्सान्देरिया का लाइट हाउस अब तक नहीं मिला पर उसकी खोज जारी है ,यूनानियो की महागाथा इलिअत में वर्णित ट्रॉय की खोज अब तक जारी है ,यु तो ट्रॉय मिल चूका है पर वह इलिअत में वर्णित ट्रॉय की तरह विशाल और मजबूत दीवारों वाला नहीं है ।
और भारत में अब तक कई प्राचीन नगर या महल अब तक नहीं मिले और जो है जैसे की राम सेतु उसे मानव निर्मित न कहकर हिंदू धर्म और वैदिक ग्रंथो को 100% झूठ करार दे दिया है ।
क्या केवल विदेशी ही सच लिखते है ?? भारतीय नहीं ??
आप येसु के पानी पर चलने की बात स्वीकार लेते हो यह कहकर की येसु जमे हुए पानी पर चले थे पर श्री राम का राम सेतु बनाना आपके लिए मिथक है बस ।
पर अब जैसे जैसे हिंदू जाग रहा है वैसे वैसे सबको सच पता चल जायेगा ।
भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण ने पुराना किला या इन्द्रप्रस्थ में दुबारा खुदाई शुरू कर दी है । भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण का लक्ष्य है पांडवो के इन्द्रप्रस्थ के साक्ष्य खोजना और महाभारत को एक सच्चा इतिहास सिद्ध करना ।
भारत या भारतीय उपमहाद्वीप में यु तो अधिकतर पुरातात्विक स्थलों पर आम आदमी को जाने की मनाई है पर पहली बार भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण ने आम जनता को पुराने किले में घुमने और खोजकरताओ को खोज करते देखने की अनुमति दे दी है ।
अभी तक पुराने किले में मुग़ल ,सल्तनत ,राजपूत,गुप्त,शुंग और मौर्य काल के अवशेष मिले है ,पुरातत्वविदो अब भूरे बर्तन वाली संस्कृति के अवशेष खोज रहे है क्युकी भूरे बर्तन वाली संस्कृति एक लोह युग संस्कृति है और 1600 ईसापूर्व पुरानी है जो यमुना गंगा घाटी में फैली थी ।
भारतीय पुरातात्विक सर्वेक्षण विदेशी कालगणना का उपयोग करता है बजाये हिंदू कालगणना के और विदेशी कालगणना अनुसार मगध का राजा जरासंध 1500 ईसापूर्व में हुआ था और वह महाभारत युगीन है इसीलिए पुरातत्वविद इन्द्रप्रस्थ और पांडवो को भूरे बर्तन की संस्कृति से जोड़ रहे है जो गलत है ।
मैं अब यह ही आशा करता हु की इन्द्रप्रस्थ मिल जाये और महाभारत एक सत्य घटना सिद्ध हो जाए ।
जय माँ भारती
No comments:
Post a Comment