Monday, May 26, 2014

प्राचीन यूनान और मैच फिक्सिंग ( Ancient Greece and Match Fixing )

शोधकर्ताओ को मिर्स में एक प्राचीन पत्र मिला है जिसे हाल ही में पड़ा गया है और इसने कुछ चौकाने वाले खुलासे किये है | यह पत्र यूनानी भाषा में है और 267 ईसापूर्व का है , यह पत्र असल में एक समझोता है निकान्तिनोउस नाम के पहलवान के पिता और निकान्तिनोउस के गुरु के बिच |
उस समय मिस्र के अन्तिनोपोलिस में कुश्ती का खेल आयोजित हुआ था जिसमे निकान्तिनोउस और उसी के गुरु का दूसरा शिष्य देमेत्रिउस का निर्णायक मुकाबला होना था |

मिस्र में मिले पत्र का चित्र 
निकान्तिनोउस के पिता ने इस समझोते में देमेतिउस को 3800 द्रच्मा ( यूनानी मुद्रा ) देने का वचन दिया था यदि वह निकान्तिनोउस को जीतने दे | यह प्राचीन काल में फिक्सिंग या यु कहे रिश्वत लेने देने का पहला एतेहासिक लेख माना जा रहा है |
उस समय प्राचीन यूनान में कुश्ती का नियम था की पहलवान को अपनी विरोधी को सीमा के बहर तीन बार पटकना होगा जितने हेतु | इस समझोते के अनुसार देमेत्रिउस को भी जमीं पर तिन बार गिरना होगा यदि उसे 3800 द्रच्मा चाहिए तो , उस समय 3800 द्रच्मा से एक गधा ख़रीदा जा सकता था | समझोते के अनुसार यदि न्यायधीश को पता चला की इस खेल फिक्स था तब भी देमेत्रिउस को पैसे मिलेंगे |
समझोते के आखिर में लिखा था की यदि देमेत्रिउस समझोते के अनुसार निकान्तिनोउस से नहीं हरा तो दंड स्वरुप उसे निकान्तिनोउस के पिता को तिन चांदी की मुद्रा देनी होगी |

सोत्र : अन्किएन्त ओरिजिंस

जय मा भारती

Thursday, May 15, 2014

मुहम्मद कल्कि नहीं

मुल्लों ने
पुराणो का सहारा लेके मुहम्मद को कल्कि अवतार
सिद्ध करने की कोशिस की है |
उन्होंने अपने लेख "हज़रत मुहम्मद (सल्ल.) और
भारतीय
धर्मग्रन्थ -१"में कहा है की भविष्य पुराण के अनुसार
कल्कि अवतार जो की अंतिम अवतार माना जाता है
वो मुहम्मद के रूप में हो चुका है | उन्होंने जैन और
बौध
धर्म
का भी उदहारण दिया है और कहा है की इन धर्मो के
अनुसार भी मुहम्मद आखरी अवतार है |
अब इससे हास्यपद बात और क्या हो सकती है
की बौध
धर्म जो अवतार वाद के खिलाफ है यहाँ तक
की वो ब्रह्मा , विष्णु , महेश तक को ईश्वर
का अवतार
नहीं मानता, तो भला मुहम्मद को कैसे अवतार घोषित
कर सकता है?,
हाँ बुद्धिस्ट कालचक्र तंत्र को सही मानते
हो तो इसमें
सम्भल जिलेके २५ राजा के जन्म का जिक्र है वो२३३७
में
होगा जिसका नाम कुलिक होगा और जिसके हाथ में
तलवार नहीं बल्कि कालचक्र होगा पर मुहम्मद के हाथ
में
तलवार थी |
भगवत महा पुराण के अनुसार कल्कि का जन्म भारत
के
सम्भल जिले में होगा पर मुहम्मद का जन्म तो अरब
के
रेगिस्तान में हुआ था , अब अरब के रेगिस्तान और
सम्भल
में क्या समानता हो सकती है...?
कल्कि का जन्म कब होगा उसके बारे में कहा गया है
"द्वादश्यां शुक्ल-पक्षस्य माधवे मासि माधवम्"-
कल्कि पुराण ,१:२:१५ , यानि कल्कि का जन्म १२
मार्च को होना निश्चित किया गया है पर मुहम्मद
साहब का जन्म २० अप्रैल ५७१ को हुआ | यूँ तो कई
सारी भिन्तायें गिनवा सकती हूँ वो भी सबूत के साथ
जो ये साबित कर देंगी की जाकिर नायक रट्टू तोते
के आलावा कुछ नहीं हैं |
पर चलिए मैं जाकिर नायक की बात को थोड़ी देर के
लिए सही मान लेती हूँ, मान लेती हूँ की भविष्य पुराण
में मुहम्मद का जिक्र है पर वो जिक्र कैसा है ये आप
खुद
ही देख लीजिये | भविष्य पुराण -प्रति सर्ग ३:३
-५-७-२४-२७ में त्रिपुरासुर नाम के राक्षस का जिक्र
आया है जिसे शंकर जी ने संहार कर
दिया था वो मरुस्थल में महामाद नाम के राक्षस के
रूप
में जन्म लेगा और पैसचिक धर्म स्थापित करेगा | अब
अगर
जाकिर नायक भविष्य पुराण की बात मानते हैं
तो इन्हें ये भी मानना चाहिए की मुहम्मद साहब
वही महामाद है जिसका जिक्र भविष्य पुराण में
त्रिपुरासुर नाम के राक्षस के रूप में है उनके
व्यक्तित्व
और
कृतित्व से महामाद/ त्रिपुरासुर का प्रोफाइल बिल्कुल
मिलता जुलता है. यदि वे ज़िंदा होते तो इतने बड़े नर-
संहार और नाबालिग बच्चियों के शील हरण के आरोप
में
अंतरराष्ट्रीय अदालत से कठोरतम सज़ा पा चुके होते.
अब में मुहम्मद के जीवन का चित्रण करति हु मेने
उसमे
शाक्ष्य भी दिए है ताकि कोई मुल्ला ये ना कह सके
कि ये सब झूट है ।