Sunday, May 26, 2013

ॐ प्राचीन दुनिया का World Wide Web Part 1

By Aman

जी हा आपने सही पड़ा ,ॐ था प्राचीन दुनिया का World Wide Web |
इससे पहले में बताऊ कैसे उससे पहले में आपको बता देता हु की आखिर 
World Wide Web क्या है |
अगर आप कंप्यूटर से जुड़े हुए किसी काम में है या कंप्यूटर में रूचि रखते है तो आपको पता होगा की ये क्या पर आम जनता क्या जाने |
आम भाषा में कहे तो 
World Wide Web आपको किसी भी वेबसाइट से जुड़ने में मदद करता है |ये एक प्रकार से कंप्यूटर का ही एक एप्लीकेशन मात्र है |

अभी आप सोचेंगे क्या प्राचीन काल में भारत के लोग कंप्यूटर और इन्टरनेट इस्तेमाल करते थे ?
जी नहीं पर कंप्यूटर और इन्टरनेट से कई आगे की चीज़ इस्तेमाल करते थे |
जिस कदर आप किसी वेबसाइट से जुड़ते है उसी कदर ॐ आपको किसी अन्य मनुष्य या इश्वर से जुड़ने में मदद करता है |
ॐ स्वयं ब्रह्माण्ड ही है ,इसको किसी तार का इन्टरनेट कनेक्शन की कोई जरुरत नहीं क्युकी ये पूरा ब्रह्माण्ड ही इसके लिए इन्टरनेट कनेक्शन की तरह काम्कर्ता है ,आप कही से भी इससे जुड़ सकते है चाहे वो अन्तरिक्ष हो ,कोई दूजा सौर मंडल हो या समुद्र की गहराई हो बस आपको इससे जुड़ना आना चाहिए जो हर किसी का काम नहीं |

इससे वाही जुड़ सकता है जिसके पास योगिक शक्तिया हो ,यानि हमारे योगी और साधू ,ऐसे तो कोई भी इससे जुड़ सकता है बस उस व्यक्ति को कुछ वर्षो तक योग सिख अपने 7तो चक्र खोलने होंगे |

ॐ तिन अक्षर से बनता है अ ,उ और म से ,ये तीनो ब्रह्मा , विष्णु और शिव को दर्शाते है यानि ये पूरा ब्रह्माण्ड दर्शाता है|

इसिकादर World Wide Web पुरे ब्रह्माण्ड नहीं पर पूरी पृथ्वी पर फैले वेब के लिए है |

ॐ भी तिन अक्षरों का और www भी

निचे चित्र देखे 
ॐ और world wide web में समानता 




जिस कदर आपको कोई वेबसाइट को एक्सेस करने या जुड़ने के लिए www के आगे वेबसाइट का नाम चाहिए या पूरी लिंक चाहिए उसी प्रकार हमारे ऋषियों ने प्राचीन काल में ही ॐ का उपयोग कर कई जटिल वेबसाइट बनाये जिसे आजके क्या भविष्य के कंप्यूटर भी जुड़ नहीं सकते क्युकी ये वेबसाइट जीवित लोगो के लिए है और इससे केवल वही जुड़ सकता है जिसने योगिक सिधिया हासिल करली हो |
निचे चित्र में प्राचीन वेबसाइट का एक उधारण है |
यह केवल एक उधारण है ये बताने के लिए की प्राचीनतम वेबसाइट ठीक आज के वेबसाइट की तरह ही बनाया गया था



ॐ नमः शिवाय आदि कई मंत्र  भी एक वेबसाइट की तरह ही काम करते है ,ये आपको शिव या इस ब्रह्माण्ड में अन्य किसी से भी जुड़ने में मदद कर सकते है |ये साथ ही आपकी सेहत अछि करने में भी मदद करता है क्युकी पाया गया है की ये मंत्र  आपके आसपास सकारात्मक उर्जा निर्माण करता है |
आप चाहे तो ॐ नमः शिवाय के जरिये किसी दूर के रिश्तेदार से बात करले ,आप आपना बिता कल या आने वाला कल देख सकते है ,आप इससे किसी मरीज का इलाज कर सकते है ,क्युकी ये आपको इश्वर से जुड़ने में मदद करता तो है ही साथ में एक खास प्रकार की शक्ति भी देता है |

इसका एक और फायदा है की इसमें पैसे नहीं लगते |

इनकी रफ़्तार का तो क्या कहना |यदि ॐ जुड़ जाये तो इनकी रफ़्तार प्रकाश से भी कई अधिक हो जाती है ,अब विज्ञान भी मानता है की प्रकाश सबसे तेज नहीं तो ये भी हो सकता है की ॐ या ये मन्त्र रूपी वेबसाइट सबसे तेज़ हो |
आपने साधुओ को तपस्या करते देखा ही होगा ,आखिर वे क्या करते है ?
वे इन वेबसाइट रूपी मंत्रो के जरिये इश्वर से जुड़ना चाहते है ताकि वे इन्हें वरदान दे |
ये मंत्र इश्वर तक कुछ शण में ही इश्वर से जुड़ जाते है और जबतक इश्वर प्रशन्न हो पृथ्वी तक आते है कई साल बीत जाते है ,ऐसा ब्रह्म मनुष्यों को होता है क्युकी इश्वर का लोक चाहे वो ब्रह्मा लोक हो या विष्णु ,वे इस ब्रह्माण्ड के बाहर स्थित है ,इश्वर और ॐ के लिए ये दुरी सिर्फ कुछ शण की है पर पृथ्वी के समय अनुसार कुछ सौ वर्ष लगते है |
इतने में इश्वर अपने भक्त की परीक्षा भी ले लेते है |
हम लोगो को लगता था इश्वर कितनी कठिन परीक्षा लेता पर हमारे नामस्मरण या मंत्र जाप से ही वो दौड़ा दौड़ा आता है पर इसका अर्थ ये नहीं की एक बार नाम लेकर छोड़ दिया ,कुछ मेहनत तो करो |

Note : यदि आप चाहे तो इसे अपने ब्लॉग या वेबसाइट में पोस्ट कर सकते है पर आखिर में इस blog और लेखक का नाम जरुर हो ,ये पूरी तरीके से मेरी यानि अमन की खोज है |

9 comments:

  1. mai ne kuchh samay pahle om=www suna tha aur ye sambandh me janne ki bahut kosis bhi kiya parantu bahut kuchh dhundla sa tha.....parantu aap ka ye khoj kahen ya anubhab se mai prabhabit hun....tatha purntaya sahamat hun....hari om..

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  2. मैंने आपका ब्लॉग लिंक मेरे ब्लॉग में माय ब्लॉग लिस्ट मे डाल दिया है, आपको यकीं हो या न हो, मैं यहाँ मेरा ब्लॉग लिंक नहीं डाल शकता क्यूंकि ऐसा करने पर वो मेरा विज्ञापन हो जायेगा,अगर आपको चेक करना है तो मुझे मेल करे मैं आप को मेलके जरिये मेरा ब्लॉग लिंक दूंगा आप वहां चेक कर शकते हो की मैं गलत नहीं बोल रहा
    bdave1965@yahoo.com and bdave1965@gmail.com
    भरत दवे (रॉय)

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  3. Its well known that a lot of inner science and epistemology has been studied from past in India. But, this interpretation is craziest shit in attempt to claim that each and every discovery and invention started in India.

    Kuch to chhod do bhai..

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    1. thanks aapke comment ke liye
      starting me mujhe bhi hasi aayi thi ki ye me kya likh raha hu but
      mene socha dekhu log kya kahate hai

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  4. सर्वप्रथम तो में आपको बताऊँ कि आपकी ये खोज वाकई तारीफ़ के काबिल है और इसमें और भी बहुत कुछ खोजना बाकी है |में खुद भी इस तरह कि खोज में लगा हूँ और वाकई में मुझे ये जानकार बहुत अच्छा लगा कि आज के समय भी आप जैसे खोजी है जो पुराने मंत्रो और रहस्यों को विज्ञानं के साथ डिकोड करने में लगे हैं ......वाकई तारीफ़ के काबिल ...मेने भी काफी कुछ डिकोड पहले ही कर लिया था जो अब वैज्ञानिक साबित कर रहें है लेकिन उन्हें में फिर कभी आपसे कहूँगा ....आपसे यही गुजारिश है कि लगे रहे .......ईश्वर आपकी मदद करे |

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  5. Ye eshar kon or shiv,, bramah bishu konhe. Om se anewale dinke bare me jan sekte ho to hotel taj me howa dehshat kio nehi roka? Kiya aisa koi shiv bhakt janma nehi kia ajtok.to tum log india ko kio bachate nehi ho? Reply me aman

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